हिन्दी दिवस पर दो शब्द हिन्दी की विविधता ही इसकी सारूप्य है। क्या मतलब कि हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर आप यह लेख पढ़… Continue reading “हिन्दी दिवस पर दो शब्द”…
गबरघिंचोर भिखारी ठाकुर की कृति – गबरघिंचोर निर्विवाद रूप से भिखारी ठाकुर का सबसे प्रसिद्ध नाटक ‘बिदेसिया’ है। इसे ‘बहरा बहार’… Continue reading “गबरघिंचोर”…
My घोस्ट तुम जानते हो मैं तुम्हें घोस्ट क्यों कहती हूँ। क्योंकि मैं तुम्हें देख नहीं सकती और ना ही छू सकती… Continue reading “My घोस्ट”…
अनन्त प्रेम पथ – 2 तुम्हारे सोने के बाद कल रात, मन और मेरी बातें हो रही थी कि आजकल की दुनिया में वास्तविक कष्ट… Continue reading “अनन्त प्रेम पथ – 2”…
क्रिसमस पर दो शब्द भारत में क्रिसमस पर्व का योगदान देश के धार्मिक सौहार्द को दृढ़ रखने व बढ़ाने का है। निश्चित ही यह… Continue reading “क्रिसमस पर दो शब्द”…
हिन्दी पखवाड़े में माड़साब जैसे जैसे हिन्दी पखवाड़ा के दिन आते हैं माड़साब को लगता है कि हिन्दी के ‛अच्छे दिन’ आने ही वाले… Continue reading “हिन्दी पखवाड़े में माड़साब”…
संगीत के एक युग का पटाक्षेप “मैं भगवान के लिए गाता हूं”, पंडित जसराज ने एक साक्षात्कार में कहा था। वह अपने संगीत के माध्यम से… Continue reading “संगीत के एक युग का पटाक्षेप”…
मिंटो ब्रिज दुर्घटना से सीख दिल्ली के जिस ब्रिज पर कभी खड़े होकर हिंदी साहित्य के दो दिग्गज कथाकार विष्णु प्रभाकर और भीष्म साहनी देश… Continue reading “मिंटो ब्रिज दुर्घटना से सीख”…
मंडली की पहली वर्षगाँठ आज मंडली का एक वर्ष पूरा हो गया। इंटरनेट पर हिन्दी में पठनीय सामग्री उपलब्ध कराने की यह यात्रा… Continue reading “मंडली की पहली वर्षगाँठ”…
अरावली की बरसात का एक दिन ग्रीष्म ऋतु के गर्म और शुष्क वातावरण ने वृक्षों से हरित-कणों का लोप कर दिया था। अरावली के पर्वत किसी… Continue reading “अरावली की बरसात का एक दिन”…
दुर्गेश्वर रायगड़ सूर्य मध्याह्न पर था, तपती धूप अपने चरम पर। पता नहीं कितनी सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद आखिरकार मेरी आँखों के… Continue reading “दुर्गेश्वर रायगड़”…
अनूठे गीतकार योगेश उस दुबले पतले नवयुवक ने आँसू भरे आँखों से मुड़ कर देखा तो रिश्तेदारों की भीड़ में एक साहब उस… Continue reading “अनूठे गीतकार योगेश”…
अयोध्या की पाती प्रिय भारतवासियों, जम्बूद्वीप भरतखण्डे आर्यावर्ते भारतवर्ष की नगरी… Continue reading “अयोध्या की पाती”…
हेलो इंडिया! मैं एक डॉक्टर बोल रहा हूँ … हम डॉक्टर्स संभवत: समाज में सबसे कम संवाद करने वालों में से हैं। शायद हम अपने पेशे की आवश्यकताओं के… Continue reading “हेलो इंडिया! मैं एक डॉक्टर बोल रहा हूँ …”…
माँ संसार के सबसे कोमल रिश्तों और उनके भावों को व्यक्त करना बड़ा मुश्किल लगता है। लिखते-लिखते गला रुँध जाता है… Continue reading “माँ”…
शास्त्रार्थ स्थल – एक यात्रा वृत्तांत श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन से होते हुए मैं अपने पिताजी के साथ महेश्वर बस अड्डे पर पहुँचा। तब शाम के… Continue reading “शास्त्रार्थ स्थल – एक यात्रा वृत्तांत”…
मुझे इंसान रहने दो दुःख व क्षोभ से विचलित होकर यह देह ऐसे घूमती है जैसे मेरे जीवन की टेढ़ी-मेढ़ी राह में पड़ने वाले… Continue reading “मुझे इंसान रहने दो”…
सीता राम चरित अति पावन दूरदर्शन पर कालजयी टेलीविजन धारावाहिक ‘रामायण’ का पुर्नप्रसारण हो रहा है। टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) की गला काट प्रतियोगिता से… Continue reading “सीता राम चरित अति पावन”…
संपूर्ण लॉकडाउन – स्पष्ट संकल्प साफ संदेश देश में पिछले तीन दिनों में कोरोना पॉजिटव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब यह 500 के… Continue reading “संपूर्ण लॉकडाउन – स्पष्ट संकल्प साफ संदेश”…
जनता कर्फ्यू – न भूतो न भविष्यति 22 मार्च 2020। संकट से निबटने के एक अनूठे तरीके का अभूतपूर्व दिन। दौड़ती सड़कें रुक गयीं, बाजार बंद रहे।… Continue reading “जनता कर्फ्यू – न भूतो न भविष्यति”…
परलौकिक होमवर्क आज 22 मार्च, 2020 कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जनता कर्फ़्यू का दिन। सन्नाटा पसरा है, कोई चहल-पहल नहीं।… Continue reading “परलौकिक होमवर्क”…
एक सकारात्मक आह्वान – जनता कर्फ्यू चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब वैश्विक महामारी बन चुका है। अब तक इसके 2.5 लाख… Continue reading “एक सकारात्मक आह्वान – जनता कर्फ्यू”…
होली पर दो शब्द … लगभग हर होली और छठ पूजा में मैं अपने गाँव में ही होता हूँ। इस होली तो गाँव कैसे भी… Continue reading “होली पर दो शब्द …”…
कॉरपोरेट वुमनिया की दुनिया ऑफिस के वाशरूम में शीशे के सामने खड़ी प्राउड मुस्कुराहट के साथ झुर्रियों वाले गाल ब्लश से चमकाती हुई सीईओ… Continue reading “कॉरपोरेट वुमनिया की दुनिया”…
जय शिव शंकर सनातन में त्रिदेव के अन्य देवों से देवों के देव महादेव को भिन्न माना गया है। भगवान शिव को संहार का… Continue reading “जय शिव शंकर”…
कौन कहता है कि जीवन सुन्दर नहीं! हर दूसरा व्यक्ति यह कहते हुए मिल जाएगा कि आजकल लोग पहले की अपेक्षा प्रसन्न नहीं रहते। कुछ लोगों ने… Continue reading “कौन कहता है कि जीवन सुन्दर नहीं!”…
जय हिन्द! भारत एक त्योहार प्रधान देश है। भारत के अनन्य त्योहारों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय अवकाश के साथ… Continue reading “जय हिन्द!”…
हैप्पी न्यू ईयर 2020 नयी चीज़ों में एक प्रभावी ऊर्जा होती है। नयापन अक्सर मन को ख़ुश करता है। प्रायः नयी वस्तुओं और लोगों… Continue reading “हैप्पी न्यू ईयर 2020”…
पर्यावरण प्रदूषण के कारक देश की राजधानी दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहे जाने वाले कुछ अन्य शहर पिछले एक सप्ताह से दमघोंटू हवा… Continue reading “पर्यावरण प्रदूषण के कारक”…
जय छठी मईया! सारे पर्व ही आस्था पर आधारित होते हैं लेकिन छठ पूजा को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। यह… Continue reading “जय छठी मईया!”…
भाई दूज सबसे प्यारा रिश्ता कौन सा है, इस पर कोई बहस ही सारे रिश्तों का अपमान है लेकिन भाई-बहन के रिश्ते… Continue reading “भाई दूज”…
विजयादशमी कलियुग के बारे में कहा जाता है कि यह अन्य युगों से कई कारणों से भिन्न है। इस युग की… Continue reading “विजयादशमी”…
कॉरपोरेट योग्यता बनाम अयोग्यता कुछ दिनों पहले एक ट्वीट पढ़ा था कि अयोग्यता से अधिक बुरा तब लगता है जब अयोग्यता पुरस्कृत होती है।… Continue reading “कॉरपोरेट योग्यता बनाम अयोग्यता”…
राजभाषा हिन्दी पर एक मत हिन्दी मेरी मातृभाषा है। जब मैं तीन साल का हुआ तो पट्टी पूजा हुई और मेरा हाथ पकड़ कर अम्माजी,… Continue reading “राजभाषा हिन्दी पर एक मत”…
राष्ट्र भाल की बिन्दी: अपनी हिन्दी अभिव्यक्ति और संवाद के माध्यम भाषा के बिना मानव सभ्यता के स्वरुप की कल्पना करने पर वह मानव शरीर दिखता… Continue reading “राष्ट्र भाल की बिन्दी: अपनी हिन्दी”…
इसरो: संपर्क टूटा, संकल्प नहीं अधिकांश देशवासियों की तरह मैंने भी रात में जागकर विक्रम की चन्द्रमा के दक्षिणी छोर पर चिर प्रतीक्षित लैंडिंग को… Continue reading “इसरो: संपर्क टूटा, संकल्प नहीं”…
स्टार्ट-अप के लिए विशाल अनछुआ क्षेत्र भारत को ठीक से समझने वाले बहुत लोग हैं लेकिन उनमें से अधिकांश को नीति निर्माण की समझ नहीं। दूसरी… Continue reading “स्टार्ट-अप के लिए विशाल अनछुआ क्षेत्र”…
पुस्तक समीक्षा: गंजहों की गोष्ठी साकेत सूर्येश की पुस्तक ‘गंजहों की गोष्ठी’ पर यह समीक्षात्मक लेख मैं अज्ञेय की सलाह की अवहेलना करते हुए लिख… Continue reading “पुस्तक समीक्षा: गंजहों की गोष्ठी”…