हिन्दी दिवस पर दो शब्द

हिन्दी दिवस पर दो शब्द

हिन्दी की विविधता ही इसकी सारूप्य है। क्या मतलब कि हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर आप यह लेख पढ़…
गबरघिंचोर

गबरघिंचोर

भिखारी ठाकुर की कृति – गबरघिंचोर निर्विवाद रूप से भिखारी ठाकुर का सबसे प्रसिद्ध नाटक  ‘बिदेसिया’ है। इसे ‘बहरा बहार’…
ऑनलाइन योग और मेरी साँसें

ऑनलाइन योग और मेरी साँसें

  कोविड महामारी से दुनिया की साँसें एवरेस्ट-कन्याकुमारी हो रही हैं। वहीं मैं लॉकडाउन में अपने ही घर पर कभी…

क्रिसमस पर दो शब्द

भारत में क्रिसमस पर्व का योगदान देश के धार्मिक सौहार्द को दृढ़ रखने व बढ़ाने का है। निश्चित ही यह…
चित्रगुप्त

चित्रगुप्त

  सी.जी.श्रीवास्तव अपने कुछ समकालीन संगीतकारों की तुलना में कम आँके जाते हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में अपने लंबे…
बिहार चुनावों की पड़ताल-8-स्वर्णिम चुनाव परिणाम

बिहार चुनावों की पड़ताल-8-स्वर्णिम चुनाव परिणाम

बिहार में कई सप्ताह तक धुँआधार किन्तु कमोबेश स्वस्थ चुनाव प्रचार चला। धुरंधरों ने जमकर आँकलन और विश्लेषण किया। चुनाव…

बिहार चुनावों की पड़ताल-7-बिहार किधर

‘बिहार किधर’ के यक्ष प्रश्न पर आँकलन और विश्लेषण का दौर जारी है। ये सही भी हो सकते हैं और…

बिहार चुनावों की पड़ताल-6-जदयू

पटना इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे नीतीश कुमार भी जेपी आन्दोलन में जेल गये। लालू प्रसाद और रामविलास पासवान 1977…

बिहार चुनावों की पड़ताल-5-भाजपा

जेपी टू बीजेपी – बिहार की राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह की इस आने वाली पुस्तक का नाम यहाँ…

बिहार चुनावों की पड़ताल-4-राजद

लालू प्रसाद पटना विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से सीधे राष्ट्रीय आन्देलन में आ गये। संपूर्ण क्रांति की अलख जगाते हुए…

बिहार चुनावों की पड़ताल-3-छोटे दल

किसी भी चुनाव में छोटे दलों की अपनी भूमिका होती है। और कुछ नहीं तो वे वोटकटवा बनकर किसी के…

बाट जोहते अनगिनत ‘बाबा का ढाबा’

अशोक से खरीदा गया वो आखिरी पेन आज हाथ में है, लेकिन उससे कुछ लिखने का मन नहीं है। अशोक…

बिहार चुनावों की पड़ताल-2-लोजपा फैक्टर

1969 मे मेरा DSP मे और MLA दोनो मे एक साथ चयन हुआ।तब मेरे एक मित्र ने पूछा कि बताओ…

बिहार चुनावों की पड़ताल-1-गठबंधन

गठबंधनों की स्थिति, मुद्दे और संभावनाएँ चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी कर दिए जाने के बाद…
अपनी जयन्ती पर गाँधी बाबा की भारत यात्रा

अपनी जयन्ती पर गाँधी बाबा की भारत यात्रा

अपनी जयन्ती पर गाँधी जी ने भारत भूमि पर आने का  निर्णय किया। कुछ सच्चे गाँधीवादियों ने उन्हें रोकने की…

विपक्ष में भिया का कोई तोड़ नहीं

राजनीति में हमारे भिया का पक्ष-विपक्ष में कोई तोड़ नहीं है। उनके हर बयान में कूटनीति कूट-कूट कर भरी रहती…

शुद्ध हिन्दी की सजा

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। हिन्दी दिवस पर…
आनंद कुमारस्वामी

आनंद कुमारस्वामी

“आनंद कुमारस्वामी!” एक दिन ट्विटर पर एक दोस्त ने कहा, “तुमने उनके बारे में नहीं सुना? उन्हें अवश्य और तत्काल…
एक अनूठा कवि सम्मेलन

एक अनूठा कवि सम्मेलन

हिन्दी दिवस पर बड़ा ही मनोहारी दृश्य था। दो ऐसे कवि प्रेम पूर्वक मिले थे जिन्हें कवि सिर्फ वही दोनों…

हिन्दी का स्वप्नलोक

मन की उदासी कचोट रही थी। ऐलन मेरे पास बैठा था। मैंने उससे कहा,  “तुम सबके लिए आसान है, मेरे लिए नहीं।…
हिन्दी पखवाड़े में माड़साब

हिन्दी पखवाड़े में माड़साब

जैसे जैसे हिन्दी पखवाड़ा के दिन आते हैं माड़साब को लगता है कि हिन्दी के ‛अच्छे दिन’ आने ही वाले…

पंडित नरेन्द्र नाथ मिश्र – वर्तमान के साँचे में भविष्य को ढालते कर्मयोगी

मैं शिक्षक परिवार में जन्मा और पला-बढ़ा हूँ। यूँ समझिए कि मेरी पूरी पिछली पीढ़ी शिक्षक ही थी। मेरे संयुक्त…

काँग्रेस कार्यसमिति बैठक – एक बार फिर टाँय टाँय फिस्स

दल की दशा और दिशा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए पत्र लिखना हमारे लोकतंत्र की एक स्वस्थ परम्परा है। आम…
स्वच्छता सर्वेक्षण में गया गुजरा बिहार

स्वच्छता सर्वेक्षण में गया गुजरा बिहार

प्रधानमंत्री के प्रिय कार्यक्रमों में से एक ‘स्वच्छ भारत’ भारत सरकार का एक बेहतरीन कार्यक्रम है। सांकेतिक श्रमदान में प्रधानमंत्री…

संगीत के एक युग का पटाक्षेप

“मैं भगवान के लिए गाता हूं”, पंडित जसराज ने एक साक्षात्कार में कहा था। वह अपने संगीत के माध्यम से…
सनसनी समाज में है चैनल में नहीं

सनसनी समाज में है चैनल में नहीं

मुझे ऐसा लगता है कि संवाद सात्विक शब्द है और बहस तामसिक। संवाद से सौहार्द उत्पन्न होता है। बहस में…
 मंच, माला, माईक और नेताजी का भाषण

 मंच, माला, माईक और नेताजी का भाषण

कोराना काल में सबसे अधिक क्षति या घोर कमी  यदि किसी क्षेत्र में हुई है तो वह नेताओं के सबसे…
स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे

स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे

रविवार की एक दोपहर अचानक पंडित जी याद आ गये और उनकी स्मृति में मैं एक शब्द चित्र बनाने लगा।…

लोकतंत्र का हासिल सिर्फ लोकतंत्र

लोकतंत्र का उद्भव भारत में हुआ। भारत ही सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भी है। लेकिन  अमेरिका विश्व में लोकतंत्र का…

बाउंसर विपक्ष का

सजग दिखने के लिए विपक्ष का मुख्य काम सरकार पर प्रश्नों के बाउंसर दागना है। अपने पालक-बालकों से उन प्रश्नों…

मिंटो ब्रिज दुर्घटना से सीख

दिल्ली के जिस ब्रिज पर कभी खड़े होकर हिंदी साहित्य के दो दिग्गज कथाकार विष्णु प्रभाकर और भीष्म साहनी देश…
पॉलिटिक्स – पुल और पैनडेमिक की

पॉलिटिक्स – पुल और पैनडेमिक की

कोरोना के कोढ़ पर बाढ़ का खाज होने के कारण बिहार सरकार डबल लोड टान रही है। यहाँ डबल इंजन…
मंडली की पहली वर्षगाँठ

मंडली की पहली वर्षगाँठ

  आज मंडली का एक वर्ष पूरा हो गया। इंटरनेट पर हिन्दी में पठनीय सामग्री उपलब्ध कराने की यह यात्रा…
अरावली की बरसात का एक दिन

अरावली की बरसात का एक दिन

ग्रीष्म ऋतु के गर्म और शुष्क वातावरण ने वृक्षों से हरित-कणों का लोप कर दिया था। अरावली के पर्वत किसी…

हमेशा के लिए अवरूद्ध

चारों ओर अंधकार था। इस घुप्प अंधकार में वह पुच्छल तारे जैसा जीव अपने निर्धारित मार्ग पर चलता हुआ अपने…

मैं लेखक बनते बनते रह गया

स्कूली परीक्षाओं में गाय व डाकिया पर निबंध लिखने के लिए मैं ‘निबंध माला’ से रट्टा मारता था। इससे यह…
40 साल पहले का नया-नवेला और अलबेला मेडले

40 साल पहले का नया-नवेला और अलबेला मेडले

ये उन दिनों की बात है जब ‘हम किसी से कम नहीं’ की शूटिंग चल रही थी। एक गाने की…

एक खुला पत्र ‘पत्रकारों’ के नाम

प्रिय पत्रकार, पत्रकार शब्द से मत चौंकिये। यहाँ इस शब्द का सामान्य अर्थ नहीं है। नाटक लिखने वाला नाटककार कहलाता…
‘साहिब बीबी और गुलाम’ के गुलाम

‘साहिब बीबी और गुलाम’ के गुलाम

विमल मित्रा के एक क्लासिक उपन्यास पर आधारित ‘साहिब बीबी और गुलाम’ पिछली सदी की कुछ बेहतरीन हिंदी फिल्मो में…

भोजपुरी सिनेमा के तीन अध्याय

  अध्याय – एक भोजपुरी सिनेमा की दशा और दिशा के पड़ताल पर यह श्रृंखलाबद्ध लेख लिखते हुए एक दावात्याग…

हेलो इंडिया! मैं एक डॉक्टर बोल रहा हूँ …

हम डॉक्टर्स संभवत: समाज में सबसे कम संवाद करने वालों में से हैं। शायद हम अपने पेशे की आवश्यकताओं के…

टिकटॉक: वाह वाह या छि छि

टेस्ट क्रिकेट के बाद जब एक दिवसीय क्रिकेट आया तो क्रिकेट के शुद्धतावादी इतने बिफरे कि उन्होने क्रिकेट के इस…
अपनी पीठ थपथपाने के नुख्खे

अपनी पीठ थपथपाने के नुख्खे

लॉक -डाउन  के दौरान निठ्ठलापन क्या-क्या नहीं कराता। अपनी पीठ थपथपाने की चेष्टा की लेकिन यह असंभव सा कार्य लगा। वर्तमान…

लॉकडाउन-3: पहला दिन धूमगज्जर का

कोरोना संकट की स्थिति देखते हुए लॉकडाउन-2 के अतिंम दिनों में यह जोक बनने लगा था कि लॉकडाउन उतना ही…
शास्त्रार्थ स्थल – एक यात्रा वृत्तांत

शास्त्रार्थ स्थल – एक यात्रा वृत्तांत

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन से होते हुए मैं अपने पिताजी के साथ महेश्वर बस अड्डे पर पहुँचा। तब शाम के…

लॉकडाउन पर कुछ मीठा कुछ खट्टा

कोरोना संकट से निबटने के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन है। समूह पलायन से डाइल्यूशन की खबरें भी आयीं। मानव…

सीता राम चरित अति पावन

दूरदर्शन पर कालजयी टेलीविजन धारावाहिक ‘रामायण’ का पुर्नप्रसारण हो रहा है। टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) की गला काट प्रतियोगिता से…

लॉकडाउन में लेखन – एक प्रयोग

विगत कुछ मासों से कुछ भी नहीं लिखा था – कुछ कर्म की व्यस्तता में, कुछ निठल्लेपन के कारण।व्यंगोक्ति देखिये कि…
शोले को लाल सलाम

शोले को लाल सलाम

  इतिहास किसी सटीक सहस्रकोणीय वीडियो पर आधारित नहीं होता। यह तथ्यों के अलावा इतिहासकार की कथा शैली, रूझान, आग्रह…
संपूर्ण लॉकडाउन – स्पष्ट संकल्प साफ संदेश

संपूर्ण लॉकडाउन – स्पष्ट संकल्प साफ संदेश

देश में पिछले तीन दिनों में कोरोना पॉजिटव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब यह 500 के…
जनता कर्फ्यू – न भूतो न भविष्यति

जनता कर्फ्यू – न भूतो न भविष्यति

22 मार्च 2020। संकट से निबटने के एक अनूठे तरीके का अभूतपूर्व दिन। दौड़ती सड़कें रुक गयीं, बाजार बंद रहे।…
एक सकारात्मक आह्वान – जनता कर्फ्यू

एक सकारात्मक आह्वान – जनता कर्फ्यू

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब वैश्विक महामारी बन चुका है। अब तक इसके 2.5 लाख…
जीवट और जिजीविषा के परीक्षा की घड़ी

जीवट और जिजीविषा के परीक्षा की घड़ी

विश्व के अनेक देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इरान, इटली और स्पेन जैसों देशों में हाहाकार…

भोजपुरी सिनेमा के तीन अध्याय – भाग: तीन

… गतांक से आगे 1990 के दशक में आ रहे तथाकथित लोकगीतों के भोजपुरी कसेट्स और वीडियो एलबम में अधिकांश…
14 मार्च 1931: जब मूक फिल्मों को आवाज मिली

14 मार्च 1931: जब मूक फिल्मों को आवाज मिली

भारतीय फिल्मो के बारे में थोड़ी जानकरी रखने वालों से भी यदि पूछा जाए कि पहली फिल्म कौन सी थी…
कॉरपोरेट वुमनिया की दुनिया

कॉरपोरेट वुमनिया की दुनिया

ऑफिस के वाशरूम में शीशे के सामने खड़ी प्राउड मुस्कुराहट के साथ झुर्रियों वाले गाल ब्लश से चमकाती हुई सीईओ…
तबही ए बबुआ समाजवाद आई …

तबही ए बबुआ समाजवाद आई …

पिछड़ा दिल्ली जाके करी ठकुराई अगड़ा लोगन के जब लस्सा कुटाई पिछड़ा अकलियत के शरबत घोराई तबही ए बबुआ समाजवाद…

जब संतूर के शहंशाह ने तबले पर छोड़ी छाप …

बात उन दिनों की है जब पंडित हरि प्रसाद और विश्व विख्यात मशहूर संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा सचिन…

भोजपुरी सिनेमा के तीन अध्याय – भाग: दो

… गतांक से आगे 1967-77 के दस साल भोजपुरी सिनेमा एक अदद फिल्म के लिए हहरता रहा, छछनता रहा। पत्थल…
तेरी याद आ रही है, तू कब आ रही है

तेरी याद आ रही है, तू कब आ रही है

    खिड़की से छनती धूप अब बिस्तर तक आ रही है सिरहाने रखी चाय कब से धुआँ उठा रही…

लिट्टी-चोखा के बहाने बिहार की राजनीतिक पड़ताल

हमारे देश में गझिन लोकतंत्र है। दिल्ली के मालिक का रिन्युअल हुआ नहीं कि ‘कोरबो लोड़बो जीतबो’ दस्तक दे रहा…

भोजपुरी सिनेमा के तीन अध्याय – भाग: एक

भोजपुरी सिनेमा की दशा और दिशा के पड़ताल पर यह श्रृंखलाबद्ध लेख लिखते हुए एक दावात्याग देना आवश्यक है, वरना…

कौन कहता है कि जीवन सुन्दर नहीं!

हर दूसरा व्यक्ति यह कहते हुए मिल जाएगा कि आजकल लोग पहले की अपेक्षा प्रसन्न नहीं रहते। कुछ लोगों ने…

दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम: एक विवेचना

दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी की सीटें 67 से घटकर 62 हो गयी हैं, जिसका…

मैं सेफोलॉजिस्ट बनूँगा

कई लोग तो ज्योतिष को भी विद्या मानने को तैयार नहीं, कुछ तो विज्ञान की वैज्ञानिकता पर ही सवाल उठा…

आम बजट पर आम आदमी की आम समझ

वर्षों पहले माइकल जैक्शन मुम्बई आए थे। आम जनों की छोड़िए, हमारे मुम्बईया सेलेब भी वैसे ही बावले हुए जा…

विकास को प्रतिबद्ध स्वत: स्फूर्त मानव श्रृंखला की आस

दुनिया के विकसित देशों में उनके कौशल और उनके या उनके उपनिवेशों के कच्चे माल व श्रम से औद्योगिक क्रांति…
शाहीन बाग: नागरिक सुविधाएं कब तक बंधक बनी रहेंगी

शाहीन बाग: नागरिक सुविधाएं कब तक बंधक बनी रहेंगी

शाहीन बाग में महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारी पिछले लगभग 35 दिनों से आठों पहर धरना दिए बैठे हैं।…
गौरवान्वित करती वीरगाथा: तानाजी, द अनसंग वॉरियर

गौरवान्वित करती वीरगाथा: तानाजी, द अनसंग वॉरियर

  दीपिका पादुकोण जेएनयू गईं। वहां काफी ‘क्रांतिकारी’ बातें हुईं। देश में क्रांति तो नहीं आई लेकिन ट्विटर पर हाहाकार…
दिल्ली से आइजॉल: भाग-3

दिल्ली से आइजॉल: भाग-3

… गतांक से आगे रास्ते में जेफरी ने अपने बारे में बताना आरम्भ कर दिया। उसके पिता ने मिजोरम पुलिस…

अच्छा हो या बुरा, पर ‘बिग बॉस’ तो है …

आवाज़ में एक अलग जादू होता है। किसी की आवाज़ दिन बना देती है तो किसी की आवाज़ दिन खराब…
हैप्पी न्यू ईयर 2020

हैप्पी न्यू ईयर 2020

नयी चीज़ों में एक प्रभावी ऊर्जा होती है। नयापन अक्सर मन को ख़ुश करता है। प्रायः नयी वस्तुओं और लोगों…
इन्हें चिंदियों में हिंदुस्तान चाहिए!

इन्हें चिंदियों में हिंदुस्तान चाहिए!

अरुंधती राय को कौन नहीं जानता? चिंदियों का देवता (गॉड आफ स्माल थिंग्स) नामक उपन्यास के लिए इन्हें बुकर पुरस्कार…

न्यू ईयर रिजॉल्यूशन

आठ पहरिया चैनलों के एंकर भयंकर, अखबारों के स्थापित स्तंभकार व मूर्धन्य ट्विटकार पूरे साल के घटनाक्रम को ‘गागर में…

उफ्फ, एक और आन्दोलन!

देश में आन्दोलन घोटाला का पर्याय हो चुका है। अधिकांश आन्दोलनों के कारण, उनके तरीके, उनकी प्रवृत्ति, उनका कवरेज, उनसे…