मेरी गर्लफ्रेंड: भाग-6

… गतांक से आगे
पूजा का मोबइल, सोनी वॉकमैन सिरीज़ का डब्ल्यू8 मॉडल, मेरे हाथ में था। मोबाइल पर एक कॉल आती है। नाम लिखा होता है ‘चूहा’। मैं फोन की तरफ़ देख ही रहा था कि फ़ोन ऑटो डिसकनेक्ट हो गया। फोन लॉक्ड था, कुछ देर बाद एक ‘कूल ब्वॉय’ का फ़ोन आया। नाम बड़े अजीब थे। कपिल ने सुझाया कि फोन लॉक है पर कॉल करके यह देख सकते हैं कि हमारे नम्बर किस नाम से सेव्ड है। कपिल ने राम का नाम लेकर मेरे फोन से पूजा का नम्बर डायल किया। कॉल स्क्रीन पर ‘उई माँ’ लिखा हुआ था। मेरा माथा घूम गया और मैंने चिल्लाकर कपिल को कहा कि ये लड़की मुझे समझती क्या है? क्या मैं टोपा टाइप लड़का हूँ जो मुझे यह नाम दे रही थी। कपिल ने माइंड डाइवर्ट करने को अपने नंबर से पूजा को फ़ोन मिलाया। मेरे हाथ में फोन था और इस बार स्क्रीन पर ‘टोपा’ लिखा था।
फोन में घुसकर सब डिटेल्स देखने की मुझसे अधिक अब कपिल को जल्दी थी। हमने पूजा के जान पहचान का हर नाम या पॉसिबल नंबर ट्राय कर लिया लेकिन फोन अनलॉक नहीं कर पाए। पूजा की रूमी दीदी को फोन किया और पूजा के सभी परिवार वालों और रिश्तेदारों के नाम भी पूछ लिये पर कोई फायदा नहीं हुआ। रूमी दी का नाम प्रभा था। उन्होंने हल्के लहजे में एक बात बतायी,”रोहित मुझे नहीं पता था कि पूजा तुम्हारे साथ ऐसा करेगी पर उसका नेचर ही ऐसा है। उसका चचेरा भाई मेरे पीछे पड़ा है। अक्सर पूजा के नेचर के बारे में बताता है। एक बार उसकी दीदी के देवर ने पूजा के लिए ज़हर खा लिया था और हॉस्पिटल से दीदी की सास ने पूजा को फोन करके मिलने बुलाया तो पूजा ने साफ मना कर दिया। इससे पता चलता है कि पूजा कितनी घमंडी है।“ कुछ देर सोचने के बाद मैंने प्रभा दी से पूछा,”उस लड़के नाम क्या है और क्या वह ज़िंदा है?” यह सब पता लगाने को मैंने प्रभा दी को पूजा के कजिन भाई से बात करने को कहा।
कुछ देर बाद कपिल ने कहा, “पास में एक मोबाइल रिपेयर शॉप है। हो सकता है कि वहाँ फोन का लॉक खुल जाए।“ मैंने बाइक उठायी और कपिल को बिठाकर शॉप पर चल दिया। रास्ते में पूजा किसी लड़के की बाइक पर बैठी कहीं जाती हुई दिखी। गुस्से में मैंने उस बाइक से साथ अपनी बाइक लगा दी। कोई 6 फीट का तगड़ा बन्दा बाइक चला रहा था। मैंने गुस्से में पूजा से पूछा कि ये लड़का कौन है। पूजा ने जवाब देने के बजाय मुँह दूसरी ओर घुमा लिया। उस लड़के ने जब मुझे देखा तो उसने अपनी बाइक रोक दी और उतर कर खड़ा हो गया। मैंने बाइक तो नहीं रोकी पर उसे गालियां दी और कहा कि एक बाप के हो तो शाम को यहीं चौक पर मिलना।
शॉप पर पहुँचकर मैंने प्रभा दी को कॉल किया और पूछा कि पूजा कहाँ और किसके साथ गयी है। उन्होंने कहा,”पूजा ने अपने घर बताया था कि उसका फ़ोन कहीं गिर गया है। इसलिए उसका भाई उसे फोन दिलाने आया था। वह उसी के साथ गयी है”। मैंने प्रभा दी को रास्ते के हादसे के बारे में बताया। दीदी ने कुछ सोचकर मुझे शाम को कमरे पर ना जाने की सलाह दी पर मैं रूम पर गया। कपिल लड़कों का जुगाड़ कर रहा था कि पूजा का भाई 12-13 लड़कों के साथ आ गया। मैंने कूटे जाने के आसार देखे तो बस चेहरा छुपा कर पिटने बैठ गया। काफी पिटने के बाद पूजा के भाई ने उसे स्पीकर पर कॉल किया और मुझे उसको सॉरी बोलने को कहा। मैंने कहा, “बेबी, ये लोग मुझे बहुत मार रहे हैं।“ उसने कुछ नहीं कहा और फोन डिसकनेक्ट हो कर दिया। पूजा का भाई जाते जाते भी मुझे कनपटी पर इतनी ज़ोर का झापड़ मार गया कि खोपड़ी सन्ना गयी थी पर उससे भी ज़्यादा चोट उसका मुझे साले-साले कह कर गाली देने की लगी थी।
कपिल तीन लड़कों के साथ कमरे पर आ चुका था। आते ही उसने मेरे साथ हुई मार पीट पर बवाल काटने की कोशिश की पर ध्यान में यह था कि फोन अनलॉक हो चुका था। सबसे पहले तो अटपटे नाम वाले लड़कों को कॉल करके खूब गालियां सुनाई। फिर फोन की गैलरी में सब फोटोज़ देख डाली। उसके फोन में घर, परिवार, कॉलेज दोस्त और गली मोहल्ले वालों की फोटोज़ थीं, सिवाय मेरे। एक ‘बेबी’ नाम से लॉक्ड फोल्डर भी था। कपिल ने कहा,”भाई लड़की को तुमसे कोई प्यार नहीं था। अब बदला लेना होगा और ये बेबी नाम का जो भो लड़का है, इसको पीटकर ही दम लेंगे। कल का इंतज़ाम मैंने कर दिया है। आर्ट गैलरी वाली लड़की को बोल दिया है, वह कल से तुम्हारे साथ घूमेगी।“
अगले दिन मैं उस लड़की को अपनी बाइक पर बिठाकर कॉलेज गया। जानबूझकर लड़की का हाथ पकड़कर A सेक्शन की तरफ़ से गया। पूजा सेक्शन के बाहर अपनी फ्रेंड से बातें कर रही थी। उसने मुझे इग्नोर कर दिया। आते-जाते वहाँ पर मैने लगभग चार-पांच चक्कर लगाए पर पूजा ने एक नजर भी नहीं देखा और ना ही सेक्शन के भीतर गयी। मैं परेशान होकर वहीं कुछ दूर पर उस लड़की के साथ खड़ा हो गया। कपिल कुछ लड़कों के साथ वहाँ पर आया और तेज-तेज आवाज़ में ‘किसी को नहीं छोड़ेंगे’ कहने लगा। उधर से हमारे बिज़नेस मैनेजमेंट के प्रोफेसर आ गुजरे तो सबको अपनी-अपनी क्लास के भीतर होना पड़ा।
क्लास में पहुँचा तो देखा टीचर फर्स्ट सेमस्टर के एग्जाम के एडमिट कार्ड बाँट रहे थे। मैंने अपना एडमिट कार्ड लिया और वहाँ से कपिल और कुछ लड़कों के साथ रूम पर आ गया। मेरा पूजा पर गुस्सा हर सेकंड पहले से ज़्यादा बढ़ रहा था। मैं उस इग्नोरेंस को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इतने में प्रभा दी का फ़ोन आया और उन्होंने बताया कि पूजा की दीदी के देवर का नाम अतुल है और वह ज़िंदा है। अतुल का जिंदा होना सुकून भरा था पर मैंने उन्हें कहा,”दी, अब मैं मूव ऑन करना चाहता हूँ। बदला भी मुझसे लिया नहीं जा रहा और उसे किसी बात का फ़र्क़ तो पड़ता नहीं है।“ उन्होंने पूछा,”रोहित तुम पूजा के बॉयफ्रेंड रहे हो तुम्हें उसके भाई का ही नहीं पता था?” मैंने जवाब दिया,” नाम जनता था पर पूजा के लैपटॉप की वॉल पर उसके साथ एक लड़के की फ़ोटो थी, मैं उसी को उसका भाई समझता था।” उन्होंने कहा,”वह उसका चचेरा भाँजा है।”
मैंने एक पल को सोचा कि अब तक पूजा से मैंने सिर्फ अपनी ही बातें कहीं, उसको तो जाना ही नहीं! तभी दीदी ने कहा,”अतुल नाम सक्सेसफुल ना हो तो एक बार अपना भी नाम ट्राय कर के देखना! वैसे मत देखना! नहीं निकलने पर और दुःख होगा।”
मैंने पूजा का फोन एक बार फ़िर हाथ मे लिया। अतुल नाम टाइप किया, पासवर्ड इनकरेक्ट! अब दिल ज़ोर का धड़कने लगा। मैं इतना सब बवाल करने के बाद नहीं चाहता था कि मेरा नाम ही पासवर्ड निकले। कांपते हुए हाथों से मैंने अपना नाम टाइप किया। पासवर्ड इनकरेक्ट! एक सेकंड को लगा जल्दी में स्पेल्लिंग गलत कर दी है। दुबारा अपना नाम टाइप किया। पासवर्ड करेक्ट! फोल्डर खुल गया।
क्रमश: …
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