घोड़वहिया कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिनसे जुड़ी कोई छोटी धटना मुख्य घटना बनकर स्मृति पटल पर अंकित हो जाती है।… Continue reading “घोड़वहिया”…
भाषा का भुरकुस बात अँग्रेजों के जमाने की है। दो लोगों में मारपीट हो गयी। मारपीट का कारण खूँटा गाड़ने पर हुआ विवाद… Continue reading “भाषा का भुरकुस”…
शुद्ध हिन्दी की सजा निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। हिन्दी दिवस पर… Continue reading “शुद्ध हिन्दी की सजा”…
आनंद कुमारस्वामी “आनंद कुमारस्वामी!” एक दिन ट्विटर पर एक दोस्त ने कहा, “तुमने उनके बारे में नहीं सुना? उन्हें अवश्य और तत्काल… Continue reading “आनंद कुमारस्वामी”…
पंडित नरेन्द्र नाथ मिश्र – वर्तमान के साँचे में भविष्य को ढालते कर्मयोगी मैं शिक्षक परिवार में जन्मा और पला-बढ़ा हूँ। यूँ समझिए कि मेरी पूरी पिछली पीढ़ी शिक्षक ही थी। मेरे संयुक्त… Continue reading “पंडित नरेन्द्र नाथ मिश्र – वर्तमान के साँचे में भविष्य को ढालते कर्मयोगी”…
स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे रविवार की एक दोपहर अचानक पंडित जी याद आ गये और उनकी स्मृति में मैं एक शब्द चित्र बनाने लगा।… Continue reading “स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे”…
ईटीज सर गाँव में कुछ लोग उनको आज भी ईटीज सर ही बुलाते हैं। उनका असल नाम प्रमोद है – प्रमोद कुमार… Continue reading “ईटीज सर”…
ढकलेट जिला स्कूल, छपरा के प्रांगण में ही स्थित छपरा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के बीएड प्रशिक्षु अध्यापन अनुभव के लिए विद्यालय… Continue reading “ढकलेट”…
छटाक भर क्रिकेट दिन भर आकाशवाणी से क्रिेकेट का आँखों देखा हाल सुनते मेरे पापा ने ही मेरे मन में क्रिकेट के प्रति… Continue reading “छटाक भर क्रिकेट”…
फ्लाइट में एक फ्लैशबैक नौकरी का ख्वाब आया था। उस रात जब झटके से उठ कर बैठा था और बाजू में सो रहे बंटी… Continue reading “फ्लाइट में एक फ्लैशबैक”…
दिल्ली से आइजॉल: भाग-3 … गतांक से आगे रास्ते में जेफरी ने अपने बारे में बताना आरम्भ कर दिया। उसके पिता ने मिजोरम पुलिस… Continue reading “दिल्ली से आइजॉल: भाग-3”…
दिल्ली से आइजॉल: भाग-2 … गतांक से आगे सुबह साढ़े चार बजे ही नींद खुल गयी। कमरे की खिड़की खोली तो सामने स्थित गर्वमेंट… Continue reading “दिल्ली से आइजॉल: भाग-2”…
दिल्ली से आइजॉल: भाग-1 सुबह सात बजे की फ्लाइट लेनी थी, इसलिए रात नींद में भी जगते हुए ही कटी। सुबह तीन बजे उठना… Continue reading “दिल्ली से आइजॉल: भाग-1”…
जोतकर नहीं जीतकर आया हूँ मेरा उद्यम ऐसा है कि फुरसत मुझे मिलती नहीं, फ्री कभी मैं होता नहीं। कभी क्लाइंट की खुशी के लिए… Continue reading “जोतकर नहीं जीतकर आया हूँ”…
तरुण भवतारिणी नाट्य कला परिषद उन दिनों दीपावली से लेकर छठ पूजा तक बिहार में अनेक गाँवों की नाट्य समितियाँ नाटकों का मंचन करती थीं।… Continue reading “तरुण भवतारिणी नाट्य कला परिषद”…