ऑनलाइन योग और मेरी साँसें

ऑनलाइन योग और मेरी साँसें

  कोविड महामारी से दुनिया की साँसें एवरेस्ट-कन्याकुमारी हो रही हैं। वहीं मैं लॉकडाउन में अपने ही घर पर कभी…

बाट जोहते अनगिनत ‘बाबा का ढाबा’

अशोक से खरीदा गया वो आखिरी पेन आज हाथ में है, लेकिन उससे कुछ लिखने का मन नहीं है। अशोक…
अपनी जयन्ती पर गाँधी बाबा की भारत यात्रा

अपनी जयन्ती पर गाँधी बाबा की भारत यात्रा

अपनी जयन्ती पर गाँधी जी ने भारत भूमि पर आने का  निर्णय किया। कुछ सच्चे गाँधीवादियों ने उन्हें रोकने की…

विपक्ष में भिया का कोई तोड़ नहीं

राजनीति में हमारे भिया का पक्ष-विपक्ष में कोई तोड़ नहीं है। उनके हर बयान में कूटनीति कूट-कूट कर भरी रहती…

शुद्ध हिन्दी की सजा

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। हिन्दी दिवस पर…
आनंद कुमारस्वामी

आनंद कुमारस्वामी

“आनंद कुमारस्वामी!” एक दिन ट्विटर पर एक दोस्त ने कहा, “तुमने उनके बारे में नहीं सुना? उन्हें अवश्य और तत्काल…
एक अनूठा कवि सम्मेलन

एक अनूठा कवि सम्मेलन

हिन्दी दिवस पर बड़ा ही मनोहारी दृश्य था। दो ऐसे कवि प्रेम पूर्वक मिले थे जिन्हें कवि सिर्फ वही दोनों…

हिन्दी का स्वप्नलोक

मन की उदासी कचोट रही थी। ऐलन मेरे पास बैठा था। मैंने उससे कहा,  “तुम सबके लिए आसान है, मेरे लिए नहीं।…

पंडित नरेन्द्र नाथ मिश्र – वर्तमान के साँचे में भविष्य को ढालते कर्मयोगी

मैं शिक्षक परिवार में जन्मा और पला-बढ़ा हूँ। यूँ समझिए कि मेरी पूरी पिछली पीढ़ी शिक्षक ही थी। मेरे संयुक्त…

काँग्रेस कार्यसमिति बैठक – एक बार फिर टाँय टाँय फिस्स

दल की दशा और दिशा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए पत्र लिखना हमारे लोकतंत्र की एक स्वस्थ परम्परा है। आम…
स्वच्छता सर्वेक्षण में गया गुजरा बिहार

स्वच्छता सर्वेक्षण में गया गुजरा बिहार

प्रधानमंत्री के प्रिय कार्यक्रमों में से एक ‘स्वच्छ भारत’ भारत सरकार का एक बेहतरीन कार्यक्रम है। सांकेतिक श्रमदान में प्रधानमंत्री…
सनसनी समाज में है चैनल में नहीं

सनसनी समाज में है चैनल में नहीं

मुझे ऐसा लगता है कि संवाद सात्विक शब्द है और बहस तामसिक। संवाद से सौहार्द उत्पन्न होता है। बहस में…
 मंच, माला, माईक और नेताजी का भाषण

 मंच, माला, माईक और नेताजी का भाषण

कोराना काल में सबसे अधिक क्षति या घोर कमी  यदि किसी क्षेत्र में हुई है तो वह नेताओं के सबसे…
स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे

स्मृति शब्द-चित्र – स्व. नगनारायण दुबे

रविवार की एक दोपहर अचानक पंडित जी याद आ गये और उनकी स्मृति में मैं एक शब्द चित्र बनाने लगा।…

लोकतंत्र का हासिल सिर्फ लोकतंत्र

लोकतंत्र का उद्भव भारत में हुआ। भारत ही सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भी है। लेकिन  अमेरिका विश्व में लोकतंत्र का…

बाउंसर विपक्ष का

सजग दिखने के लिए विपक्ष का मुख्य काम सरकार पर प्रश्नों के बाउंसर दागना है। अपने पालक-बालकों से उन प्रश्नों…
पॉलिटिक्स – पुल और पैनडेमिक की

पॉलिटिक्स – पुल और पैनडेमिक की

कोरोना के कोढ़ पर बाढ़ का खाज होने के कारण बिहार सरकार डबल लोड टान रही है। यहाँ डबल इंजन…

हमेशा के लिए अवरूद्ध

चारों ओर अंधकार था। इस घुप्प अंधकार में वह पुच्छल तारे जैसा जीव अपने निर्धारित मार्ग पर चलता हुआ अपने…

मैं लेखक बनते बनते रह गया

स्कूली परीक्षाओं में गाय व डाकिया पर निबंध लिखने के लिए मैं ‘निबंध माला’ से रट्टा मारता था। इससे यह…

एक खुला पत्र ‘पत्रकारों’ के नाम

प्रिय पत्रकार, पत्रकार शब्द से मत चौंकिये। यहाँ इस शब्द का सामान्य अर्थ नहीं है। नाटक लिखने वाला नाटककार कहलाता…

टिकटॉक: वाह वाह या छि छि

टेस्ट क्रिकेट के बाद जब एक दिवसीय क्रिकेट आया तो क्रिकेट के शुद्धतावादी इतने बिफरे कि उन्होने क्रिकेट के इस…
रूही – एक पहेली: भाग-38

रूही – एक पहेली: भाग-38

मोहित एयरपोर्ट पहुँचा तो देखा कोचीन की फ्लाइट कैंसिल हो गयी थी। सामने चंडीगढ़ की फ्लाइट थी, टिकट लिया और…
अपनी पीठ थपथपाने के नुख्खे

अपनी पीठ थपथपाने के नुख्खे

लॉक -डाउन  के दौरान निठ्ठलापन क्या-क्या नहीं कराता। अपनी पीठ थपथपाने की चेष्टा की लेकिन यह असंभव सा कार्य लगा। वर्तमान…

लॉकडाउन-3: पहला दिन धूमगज्जर का

कोरोना संकट की स्थिति देखते हुए लॉकडाउन-2 के अतिंम दिनों में यह जोक बनने लगा था कि लॉकडाउन उतना ही…
रुही – एक पहेली: भाग-35

रुही – एक पहेली: भाग-35

“तुम तो नहीं आने वाले थे”, दीपाली गुस्से में बोली “तुम्हे अकेला कैसा छोड़ देता डार्लिंग” बैग रामसिंह ने उठाया…
रूही – एक पहेली: भाग-27

रूही – एक पहेली: भाग-27

1 जून 2017 “बताओ भाई कैसे मैंनेज करोगे” “आप ही सजेस्ट करो कुछ” “ह्म्म्म….” “मुझे भी नहीं समझ आ रहा”…
रूही – एक पहेली: भाग-25

रूही – एक पहेली: भाग-25

जलेबी जंक्शन से आधा किलो जलेबी के साथ दही भी पैक कराया मोहित ने। गरम-गरम इमरती भी उतर रही थी…
रूही – एक पहेली: भाग-20

रूही – एक पहेली: भाग-20

शाम हो रही थी,हलकी सी कुनमुनी सी ठण्ड की चादर घेरने लगी थी शाम को। यहाँ-वहाँ देखा, कोई नहीं दिखा,…
रूही – एक पहेली: भाग-15

रूही – एक पहेली: भाग-15

रास्ते कैसे भी हों टेड़े-मेंढे, उलटे-सीधे, लंबे। अगर आपका हमसफ़र आपका हमनशीं भी है तो तो मंज़िल तक कौन जाना…

लॉकडाउन पर कुछ मीठा कुछ खट्टा

कोरोना संकट से निबटने के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन है। समूह पलायन से डाइल्यूशन की खबरें भी आयीं। मानव…
रूही – एक पहेली: भाग-14

रूही – एक पहेली: भाग-14

मोहित की आँख सुबह घण्टियों की आवाज़ से खुली, खिड़की से झाँक कर देखा कुछ दिखाई नहीं दिया, सुबह हुई…

लॉकडाउन में लेखन – एक प्रयोग

विगत कुछ मासों से कुछ भी नहीं लिखा था – कुछ कर्म की व्यस्तता में, कुछ निठल्लेपन के कारण।व्यंगोक्ति देखिये कि…
शोले को लाल सलाम

शोले को लाल सलाम

  इतिहास किसी सटीक सहस्रकोणीय वीडियो पर आधारित नहीं होता। यह तथ्यों के अलावा इतिहासकार की कथा शैली, रूझान, आग्रह…
तबही ए बबुआ समाजवाद आई …

तबही ए बबुआ समाजवाद आई …

पिछड़ा दिल्ली जाके करी ठकुराई अगड़ा लोगन के जब लस्सा कुटाई पिछड़ा अकलियत के शरबत घोराई तबही ए बबुआ समाजवाद…
तेरी याद आ रही है, तू कब आ रही है

तेरी याद आ रही है, तू कब आ रही है

    खिड़की से छनती धूप अब बिस्तर तक आ रही है सिरहाने रखी चाय कब से धुआँ उठा रही…

लिट्टी-चोखा के बहाने बिहार की राजनीतिक पड़ताल

हमारे देश में गझिन लोकतंत्र है। दिल्ली के मालिक का रिन्युअल हुआ नहीं कि ‘कोरबो लोड़बो जीतबो’ दस्तक दे रहा…

मैं सेफोलॉजिस्ट बनूँगा

कई लोग तो ज्योतिष को भी विद्या मानने को तैयार नहीं, कुछ तो विज्ञान की वैज्ञानिकता पर ही सवाल उठा…

आम बजट पर आम आदमी की आम समझ

वर्षों पहले माइकल जैक्शन मुम्बई आए थे। आम जनों की छोड़िए, हमारे मुम्बईया सेलेब भी वैसे ही बावले हुए जा…

विकास को प्रतिबद्ध स्वत: स्फूर्त मानव श्रृंखला की आस

दुनिया के विकसित देशों में उनके कौशल और उनके या उनके उपनिवेशों के कच्चे माल व श्रम से औद्योगिक क्रांति…
दिल्ली से आइजॉल: भाग-3

दिल्ली से आइजॉल: भाग-3

… गतांक से आगे रास्ते में जेफरी ने अपने बारे में बताना आरम्भ कर दिया। उसके पिता ने मिजोरम पुलिस…

न्यू ईयर रिजॉल्यूशन

आठ पहरिया चैनलों के एंकर भयंकर, अखबारों के स्थापित स्तंभकार व मूर्धन्य ट्विटकार पूरे साल के घटनाक्रम को ‘गागर में…

उफ्फ, एक और आन्दोलन!

देश में आन्दोलन घोटाला का पर्याय हो चुका है। अधिकांश आन्दोलनों के कारण, उनके तरीके, उनकी प्रवृत्ति, उनका कवरेज, उनसे…
मेरी गर्लफेंड: भाग-12

मेरी गर्लफेंड: भाग-12

गतांक से आगे… पूजा के जाते ही रुचि ने मुझे कहा, “वह लड़की कपिल की नहीं तुम्हारी गर्लफ्रैंड थी ना?…
महाराष्ट्र का थ्रिलर: क्लाइमेक्स या एंटी-क्लाइमेक्स

महाराष्ट्र का थ्रिलर: क्लाइमेक्स या एंटी-क्लाइमेक्स

जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी ने इतिहास रचा है … शायर संजय राउत यह शेर गुनगुना रहे…
जोतकर नहीं जीतकर आया हूँ

जोतकर नहीं जीतकर आया हूँ

मेरा उद्यम ऐसा है कि फुरसत मुझे मिलती नहीं, फ्री कभी मैं होता नहीं। कभी क्लाइंट की खुशी के लिए…

जेएनयू: बौद्धिक विमर्श केन्द्र या स्वयं बहस का विषय

तीन साल पहले मैं जेएनयू गया था। पढ़ने नहीं, मैं पहले से ही पढ़ुआ हूँ – ईए-बीए पास। डिग्री बता…

वो लिज़लिज़ी सी छुअन

होली का अगला दिन,पाँचवीं बोर्ड के एक्ज़ाम। रोज़ की तरह भोर में तीन-चार बजे ही उठा दिया गया। उस दिन…

महाराष्ट्र सरकार या वीरबल की खिंचड़ी

कम ही लोग जानते हैं कि ‘वीरबल की खिंचड़ी’ पकने में देरी इसलिए हुई क्योंकि खिंचड़ी का चावल दाल की…

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का स्मॉग

मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है। सूर्य हमने भी नहीं देखा सुबह का,…

तरुण भवतारिणी नाट्य कला परिषद

उन दिनों दीपावली से लेकर छठ पूजा तक बिहार में अनेक गाँवों की नाट्य समितियाँ नाटकों का मंचन करती थीं।…

मुस्कुराइए, आप मंडली.इन पर हैं!

हँसी जिन्दादिली का प्रतीक है, मुस्कुराहट जीवन्तता का प्रमाण। हँसी लाख दवाओं की एक अचूक दवा है, मुस्कुराहट स्वयं के…

व्यंजनों पर घमासान का समाधान

अधिकतर लोग जीने के लिए खाते हैं। कुछ खाने के लिए ही जीते है। आजकल कुछ लोग सिर्फ लड़ने के…