चित्रगुप्त
सी.जी.श्रीवास्तव अपने कुछ समकालीन संगीतकारों की तुलना में कम आँके जाते हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में अपने लंबे…
लेखक मुख्य रूप से भावनात्मक कहानियाँ और मार्मिक संस्मरण लिखते हैं। उनकी रचनाएँ आम बोलचाल की भाषा में होती हैं और उनमें बुंदेलखंड की आंचलिक शब्दावली का भी पुट होता है। लेखक का मानना है कि उनका लेखन स्वयं की उनकी तलाश की यात्रा है।
लेखक ‘मंडली.इन’ के लिए नियमित रुप से लिखते रहे हैं। उनकी रचनाएँ ‘ऑप इंडिया’ में भी प्रकाशित होती रही हैं। उनके प्रकाशित उपन्यास का नाम ‘रूही – एक पहेली’ है। उनका एक अन्य उपन्यास ‘मैं मुन्ना हूँ’ शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। लेखक एक फार्मा कम्पनी में कार्यरत हैं।